Bharat ki shiksha paddhati ko Kaise khatm kiya gaya Gurukul

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भारत गुरुकुल कैसे खत्म हो गये ,रहस्य से परदा  पास 

इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 732000 गुरुकुल थे ।

वापस जोड़ो, फिर से पढ़ाओ हमारे गुरुकुल।

 इतिहास पढ़ो तो रोना और गुसा आता है कैसे मज़बूरी और तलवारो के दम पे हमारी शिक्षा और गुरुकुल ख़त्म किया।  और आजादी के बाद भी गुरुकुल शुरू नहीं हुए इसका भी कारण  था।  पर अब लौटा दो।

लॉर्ड मैकाले का स्पष्ट कहना था कि  भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।

कैसे सुरुवात हुई भारत के शिक्षा पद्धति के खात्मे की जबकि भारत उस वक्त 97%  प्रतिसत साक्षर थी। 

भारतवर्ष में गुरुकुल कैसे खत्म हो गये ? कॉन्वेंट स्कूलों ने किया बर्बाद । 1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकाले’ ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है ।

मैकाले ने भारत की शिक्षा पद्धति को ख़त्म करने के लिए गुरुकुलों गैरकानूनी घोसित किया। 

मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है - “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी | फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया | उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला। 

1850 तक हर गाँव मे एक स्कूल थे,  जिन्हे वहाँ के गाँव के लोग ही चलाते थे। 

1850 तक इस देश में ’7 लाख 32 हजार’ गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे ’7 लाख 50 हजार’ । मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे । उन सबमे 18 विषय पढाया जाता था और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा ।

गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया । उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था । इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में हैं !

लॉर्ड मैकाले को माना जाता है भारतीय शिक्षा का जनक।

 ( ये है हमारे इतिहास कारो  का दोगलापन , जबकि उसी समय  भारत में 1850 तक इस देश में ’7 लाख 32 हजार’ गुरुकुल हुआ करते थे यहाँ 97% साक्षरता है  ,जो स्कूलों में कभी नहीं बताया गया।   )

2 फरवरी, 1835 को लॉर्ड मैकाले ने अपना प्रसिद्ध स्मरण-पत्र प्रस्तुत किया था।

2 फरवरी, 1835 को लॉर्ड मैकाले ने अपना प्रसिद्ध स्मरण-पत्र (Minute) गवर्नर जनरल की परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे गवर्नर विलियम बैंटिक ने स्वीकार करते हुए अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम, 1835 पारित किया। इसने भारत में आधुनिक ब्रिटिश शिक्षा की नींव रखी।सरकार स्कूल तथा कॉलेज स्तर पर शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी करे तथा इसके विकास के लिये कई प्राथमिक विद्यालयों के स्थान पर कुछ स्कूल तथा कॉलेज खोले जाएं।मैकाले ने माना कि, अरबी और संस्कृत की तुलना में अंग्रेजी अधिक उपयोगी और व्यवहारिक है। जिस प्रकार लैटिन एवं यूनानी भाषाओं से इंग्लैंड में और पश्चिम यूरोप की भाषाओं के रूप में पुनरुत्थान हुआ, उसी प्रकार अंग्रेजी से भारत में होना चाहिए।मैकाले ने भारतीय भाषाओं को अविकसित और बेकार बताते हुए अपमान किया, फलस्वरूप भारतीय भाषाओं का विकास रुक गया।

- मैकाले ने प्राच्य साहित्य की आलोचना करते हुए कहा था कि, भारतीय संस्कृति और साहित्य की क्षमता यूरोप की किसी एक पुस्तकालय की एक अलमारी के बराबर है। यह मानकर मैकाले ने भारतीय संस्कृति तथा धर्म की महानता व सहिष्णुता का अपमान किया है।

- मैकाले खुले तौर पर धार्मिक तटस्थता की नीति का दावा करते थे, लेकिन उसकी आंतरिक नीति का खुलासा वर्ष 1836 में अपने पिता को लिखे एक पत्र से होता है। जिसमें मैकाले ने लिखा है कि,”मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि हमारी शिक्षा की यह नीति सफल हो जाती है तो 30 वर्ष के अंदर बंगाल के उच्च घराने में एक भी मूर्तिपूजक नहीं बचेगा।”

आपको पहले ये बता दे कि हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल मे क्या क्या पढाई होती थी ! आर्यावर्त के गुरुकुल के बाद ऋषिकुल में क्या पढ़ाई होती थी ये जान लेना आवश्यक है । इस शिक्षा को लेकर अपने विचारों में परिवर्तन लायें और प्रचलित भ्रांतियां दूर करें।

01 खगोल विद्या (Astronomy) 

02 भूगोल विद्या (Geography) 

03 अग्नि विद्या (Metallurgy)

04 वायु विद्या (Flight) 

05 जल विद्या (Navigation) 

06 अंतरिक्ष विद्या (Space Science) 

07 पृथ्वी विद्या (Environment)

08 सूर्य विद्या (Solar Study) 

09 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study) 

10 मेघ विद्या (Weather Forecast) 

11 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery) 

12 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy) 

13 दिन रात्रि विद्या 

14 सृष्टि विद्या (Space Research) 

15 काल विद्या (Time) 

16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining) 

17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals)

18 आकर्षण विद्या (Gravity) 

19 प्रकाश विद्या (Solar Energy) 

20 तार विद्या (Communication) 

21 विमान विद्या (Plane)

22 जलयान विद्या (Water Vessels) 

23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition)

24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany) 

25 यज्ञ विद्या (Material Sic)


ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की । अब बात करते है व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की !

26 वाणिज्य (Commerce)

27 कृषि (Agriculture)

28 पशुपालन (Animal Husbandry) 

29 पक्षिपलन (Bird Keeping) 

30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training) 

31 यान यन्त्रकार (Mechanics) 

32 रथकार (Vehicle Designing) 

33 रतन्कार (Gems) 

34 सुवर्णकार (Jewellery Designing)

35 वस्त्रकार (Textile) 

36 कुम्भकार (Pottery) 

37 लोहकार (Metallurgy)

38 तक्षक

39 रंगसाज (Dying) 

40 खटवाकर 

41 रज्जुकर (Logistics)

42 वास्तुकार (Architect)

43 पाकविद्या (Cooking)

44 सारथ्य (Driving)

45 नदी प्रबन्धक (Water Management)

46 सुचिकार (Data Entry)

47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry)

48 उद्यान पाल (Horticulture)

49 वन पाल (Horticulture)

50 नापित (Paramedical)

यह सब विद्या गुरुकुल में सिखाई जाती थी पर समय के साथ गुरुकुल लुप्त हुए तो यह विद्या भी लुप्त होती गयी ! आज मैकाले पद्धति से हमारे देश के युवाओं का भविष्य नष्ट हो रहा तब ऐसे समय में गुरुकुल के पुनः उद्धार की आवश्यकता है।

मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि: “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा । इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।” उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है । अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा । हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, दूसरों पर रोब क्या पड़ेगा। 

लोगों का तर्क है कि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है । दुनिया में 204 देश हैं और अंग्रेजी भाषा सिर्फ 11 देशों में बोली, पढ़ी और समझी जाती है, फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है ॽ  शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं दरिद्र भाषा है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी । समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी। 

1835 में पुरे भारत में लगभग  सभी राजा (81%) और प्रजा (87%) हिन्दू में सनातन धर्म को मानने  वाले थे। इसके बाद कुछ विदेशी आक्रमण ,से अंगेंज और मुस्लमान  कुछ जगह शाषन  करते थे।परन्तु पूरा अधिकार हिंदुस्तान में अग्रेंजो का ही था। हिन्दू राजा आपस  में लड़ रहे थे जिसका फायदा अंगेंज और मुस्लिम राजाओ को मिलता था  अग्रेजो का जायदा अत्याचार था। 

गुरुकुल में , शिक्षा में ,देश भक्ति , मातृभूमि प्रेम , धर्म की रक्षा करना , समाज की रक्षा करना , शास्त्रों के साथ साथ शस्त्र  की भी विद्या दी जाती थी।  जिससे अंग्रेंज पर्सन थे यहाँ के लोगो की देश भक्ति, हौसला , देख।  हमेशा गुलाम बनाने के लिए लड़ाई ही जारी रखते थे। 

यही देख कर लार्ड मैकाले में भारतीय संस्कृति ,अर्थात शिक्षा का विनाश किया।  

क्योकि वह चाहता था की हमेशा के लिए यदि यहाँ राज्य करना है तो  भारतीय संस्कृति को विनाश करके अपनी शिक्षा का प्रचार करना होगा।  

और इस शिक्षा को प्रचार के लिए हिंदुस्तानी समाज को लालच  देकर , (सभी को शिक्षा मिलेंगी फ्री ), जबरजस्ती , तलवार के दम में  किया गया। 

फिर भारतीय संस्कृति को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया | उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला। 

गुरुकुल में कितने वर्ष तक रहे?

गुरुकुल प्रायः ब्राह्मण गृहस्थों द्वारा गाँवों अथवा नगरों के भीतर तथा बाहर दोनों ही स्थानों में चलाए जाते थे। गृहस्थ विद्वान और कभी कभी वानप्रस्थी भी दूर-दूर से शिक्षार्थियों को आकृष्ट करते और अपने परिवार में और अपने साथ रखकर अनेक वर्षों तक (आदर्श और विधान पच्चीस वर्षों तक का था) उन्हें शिक्षा देते।

हजारों बच्चे अपनी बाल्यावस्था से युवावस्था तक चौबीसों घंटे गुरु के सानिध्‍य में रहकर संपूर्ण 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं।

गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र दिन रात जंगल में रहते हैं। जिस भी बच्चे का दाखिला गुरुकुल में होता है पहले उसके मां-बाप को बता दिया जाता है कि न तो बच्चे से वह यहां पर आकर मिल सकते हैं और न ही बच्चे को अपनी इच्छा से घर लेकर जा सकते हैं। केवल गर्मियों की छुट्टियों में ही बच्चे डेढ़ माह के लिए घर जाते हैं।गुरुकुल शब्द प्राचीन शब्द है और ये शब्द संस्कृत भाषा से लिए गया है, पाठशाला, विद्यालय शब्द को प्राचीन समय में गुरुकुल कहा जाता था.

उन सबमे 18 विषय पढाया जाता था और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा । गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया । उस समय इसे 'फ्री स्कूल' कहा जाता था ।

आजादी की बाद  -  भातीय शिक्षा - 

आप के समझने के लिए कुछ उदाहरण  , समझो। ... 

कैसे सनातन धर्म खत्म का प्रयास  हुआ  :-

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे ,भारत के प्रथम विधि व शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान और राजनीतिज्ञ थे। इसके साथ ही वे एक कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे।  उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पद संभाला। उन्होंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन किया।

(  मुस्लिम धर्म के अनुसार  मूर्ति पूजा हराम है। ) 

 इसके विपरीत भारतीय संस्कृत और सनातन धर्म के अनुसार मुख्य भक्ति है मूर्ति पूजा। 

भारतीय संविधान के निर्माता और अध्यक्ष  डॉ बाबा साहेब अंबेडकर थे ।

शैक्षिक सम्बद्धता

• मुंबई विश्वविद्यालय (बी॰ए॰)

• कोलंबिया विश्वविद्यालय

(एम॰ए॰, पीएच॰डी॰, एलएल॰डी॰)

लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स 

(एमएस०सी०,डीएस॰सी॰)

ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ)

व्यवसाय- वकील, प्रोफेसर व राजनीतिज्ञ। 

भारत को आजाद करने में  भिवा, भीम, भीमराव, बाबासाहेब अंबेडकर का योगदान

 Ans -    भीमराव अम्बेडकर जी का धर्म बौद्ध धर्म था ।

बौद्ध धर्म के कुछ  लोग हमेशा  हिंदू धर्म ओर संस्कृति को अन्धविश्वास ओर ढोंग , देवी देवता का अपमान करना,। ओर खुद को बोलना समाज सुधारक काम ।

भारतीय संस्कृति ओर हिंदू  धर्म को खत्म , ओर अपमान करके का पूरा योदान है । 

देवी देवता का अपमान करने में , हिंदुओ को खुद के देश में अधिकारों को खत्म करना । 

संविधान में , बहोत ऐसे कानून है , जो हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया गया ।

35A, 370, आदि  ,।।

देश को आजाद कराने में , 0%  योगदान  । बस   पूरी जिंदगी छुआ छूत  का ज्ञान ।

देश आजाद कराने में ,

 भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्र शेखर, आजाद , जैसे , महान से महान पुरुषो का योगदान रहा है । इन लोगो को नमन

आप देश को एकता बनाने में । सबसे बड़ा  योदन 

सरदार वल्लभ भाई पटेल  जी , आदि

( बाकि सब अपनी रोटी सेक रहे थे ।)

सच में , आज भी लगता है देश गुलाम है ।

 जागो जागो भारत ,

आजादी के 75 साल बाद भी  भारतीय संस्कृति शुरू नहीं हुई । । लार्ड मैकाले ने लगभग 1835 में , हिन्दुस्तानियों को गुलाम बनाएं रखने के लिए गुरुकुल खत्म किया , क्योंकि यह शास्त्र ,ओर शास्त्रों का ज्ञान दिया जाता था, जिससे देश प्रेम तथा आत्म रक्षा की शिक्षा दी जाती थी ।।

 दुःख की बात ये है आजादी के बाद  आज तक शुरू नही किया गया ,।

आधुनिक पढ़ाई के साथ साथ गुरुकुल में शस्त्र ओर शास्त्रों का ज्ञान भी दिया जा सकता है ।

विटामिनों के रासायनिक नाम ,पेट में गैस की समस्या , गर्मियों में अपने चहेरे  काला होने से बचाये , Bel Patra JuiceHealth Benefits बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन गर्मियों में लाभप्रद ,करेला के फायदे |, लहसुन के फायदेप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये ,बालों को मजबूत बनाये,सर्दी जुखाम मिटाए , पेट में दर्द होने के प्रमुख कारण और आसान घरेलू उपाय ,चोट  घाव भरने के लिए ये देशी दवाई का उपयोग करे , दाद और खुजली की यह अचूक दवा जरूर देखिये , मुंह के छाले से परेशान हैंतो अपनाएं ये घरेलू उपाय  ,दाँत में दर्द होने के प्रमुख कारण और आसान घरेलू उपाय पाचन से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म कर देता हैहैजादस्त,पेचिश,पीलियाएकउत्कृष्टहर्बलदवाई अमरूद के पत्तों के फायदे - मधुमेह ,ब्लड प्रेशर कंट्रोल ,पाचन तंत्र को दुरुस् रखे .

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Know how to get admission in Rashtriya Military School.सैनिक स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया और पात्रता मानदंड जानें।