पाचन से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म कर देता है? हैजा, दस्त, पेचिश, पीलिया एक उत्कृष्ट हर्बल दवाई मोरिंगा -


पाचन से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म कर देता है? हैजा, दस्त, पेचिश, पीलिया एक उत्कृष्ट हर्बल दवाई - मोरिंगा (सहजन) या मुनगा
मोरिंगा (सहजन) के फायदे (Moringa Benefits) :-
सामान् नाम : सहजन, सहिजन, ड्रमस्टिक प्लांट, हॉर्सरैडिश ट्री, बेन ऑयल ट्री या मुनगा
उपयोगी भाग : जड़, छाल, बीज की फली, पत्तियां, पौधे का रस, फूल
सहजन (ड्रमस्टिक्स) जड़ से लेकर फूल और पत्तियों तक सेहत का खजानाहै।सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है और छाल पत्तीगोंदजड़ आदि से आयुर्वेदिक दवाएं तैयार की जातीहैं।आयुर्वेद में इसके कई फायदों का उल्लेख मिलता है
सहजन या मुनगा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-, सी
और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार इसमें दूध की तुलना में कई गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। प्राकृतिक गुणों से भरपूर सहजन इतने औषधीय  गुणों से भरपूर है कि कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं।
बिधि :- सहजन का इस्तेमाल सब्जी बनाकर या उबालकर कर सकते हैं । इसके अलावा इसे पानी में अच्छी तरह उबालकर इस पानी को पीना भी फायदेमंद रहता है। सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है।
कैसे बनाएं सहजन का सूप :-
सहजन को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दें. जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन डाल दें. आप चाहें तो इसमें सहजन की पत्त‍ियां भी मिला सकते हैं जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकाल लें और ऊपरी हिस्सा अलग कर लें. इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पिएं।
सहजन की पत्ती - इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसकी फली में विटामिन C और सहजन की पत्ती में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सहजन में एंटीओक्सिडेंट, बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड होते हैं। सहजन की सूखी पत्तियों के पाउडर का भी उपयोग  किया जाता है। पत्तियाँ प्रोटीन का भी बेहतरीन स्रोत हैं। एक कप ताजी पत्तियों में 2 ग्राम प्रोटीन होता है।
सहजन का इस्तेमाल रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाकर ऐसे मौसम में होने वाले सर्दी-जुकाम होने से रोकता है. सर्दी, खांसी, गले की खराश और छाती में बलगम जम जाने पर सहजन का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है।
सहजन पाचन से जुड़ी समस्याओं को खत्म कर देता है। हैजा, दस्त, पेचिश, पीलिया और कोलाइटिस होने पर इसके पत्ते का ताजा रस, एक चम्मच शहद, और नारियल पानी मिलाकर लें, यह एक उत्कृष्ट हर्बल दवाई है।
सहजन के पत्ते का पाउडर कैंसर और दिल के रोगियों के लिए एक बेहतरीन दवा है। यह ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है। इसका प्रयोग पेट में अल्सर के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह पेट की दीवार के अस्तर की मरम्मत करने में सक्षम है। यह शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ा देता है।
कुपोषण पीड़ित लोगों के आहार के रूप में सहजन का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। एक से तीन साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह वरदान माना गया है। सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। इसका काढ़ा साइटिका रोग के साथ ही, पैरों के दर्द व सूजन में भी बहुत लाभकारी है।
मोरिंगा के अन्य फायदे इस प्रकार है
1.      सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है।
2.      मोरिंगा के फूल पेट के कीड़ों को कम करने के लिए उपयोग किया जाते हैं। यह पित्त और कफ का संतुलन बनाएँ रखता है।
3.      सहजन की पत्तियों को पीसकर सिर पर लगाने से माइग्रेन से परेशान व्यक्ति के सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है।
4.      मोरिंगा की पत्तियों के रस को निकालकर कान में डालने से कान का दर्द आसानी से दूर हो जाता है।
5.      सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।
6.      दांतो में लगने वाले कीड़े और मुँह के रोग जैसे पायरिया में इसकी पत्तियों को चबाने से आराम मिलता है।
7.      इसकी फली के सेवन से खून साफ होता है, आँखो की रोशनी तेज होती है। सहजन की पत्तियों को सुखाकर उसकी चटनी भी बनाई जाती है। जो कि आँखो के रोग और रक्त की कमी में भी सहायक होती है।
8.      सहजन की फली का सेवन करने से गर्भवती महिलाओ को डिलिवरी के वक्त ज्यादा दर्द नहीं होता है और होने वाले बच्चे स्वस्थ रहते हैं।


बेल की पत्तियों का रस
बिधि :- 5 -7 दल बेल की पत्ती( दल = पत्ती) खलबट्टा में १०० ग्राम  पानी के साथ कूट कर  रस निकल कर सुबे खाली पेट पिने से बहुत सारी  बीमारी दूर हो जाती है। 20 से 25 दिनों तक पीना है। बेल की पत्तियों के रस  का सेवन  पेट की बीमारी या दर्द गैसकब्जदस्त और डायरिया जैसी परेशानियों में भी राहत दिलाता है  इसके अलावा बेल के फल का भी रस पिने से फायदा मिलता है।  बेल की पत्तियों के काढ़े रस  का सेवन  जो भी लड़कियां या महिलाएं पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग से परेशान हो वो इसका सेवन जरूर करें 
विटामिनों के रासायनिक नाम ,पेट में गैस की समस्या , गर्मियों में अपने चहेरे  काला होने से बचाये , Bel Patra Juice Health Benefits बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन गर्मियों में लाभप्रद ,करेला के फायदे |, लहसुन के फायदेप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये ,बालों को मजबूत बनाये,सर्दी जुखाम मिटाए , पेट में दर्द होने के प्रमुख कारण और आसान घरेलू उपाय ,चोट  घाव भरने के लिए ये देशी दवाई का उपयोग करे , दाद और खुजली की यह अचूक दवा जरूर देखिये , मुंह के छाले से परेशान हैंतो अपनाएं ये घरेलू उपाय , कान के दर्द के लिए लाभकारी है ,ये घरेलू उपाय जाने ,दाँत में दर्द होने के प्रमुख कारण और आसान घरेलू उपाय , पाचन से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म कर देता है? हैजा, दस्त, पेचिश, पीलिया एक उत्कृष्ट हर्बल दवाई अमरूद के पत्तों के फायदे - मधुमेह ,ब्लड प्रेशर कंट्रोल ,पाचन तंत्र को दुरुस् रखे .

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