पीपल एक पबित्र पेड़ के रूप
में माना जाता है क्योकि प्राचीन काल में साधु पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान करते थे और
भगवान बुध को पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था। हिन्दू ग्रंथो के अनुसार पीपल
का पेड़ पूजनीय होता है के क्योकि इसमे सभी देवी देवता का बास होता है। मान्यता है की पीपल के पत्ते को पूजन करके रखने से धन की कभीं कमी नहीं होती।
सुख- समृद्धि बनी रहती हैं।और पीपल के पेड़ को भी लोग पूजा करते है। कहा जाता है की पीपल के
पेड़ के नीचे दीपक जलने से ब्यक्ति की है इच्छा पूरी होती है। पीपल के पेड़ में बजरगवाली का बस होता है। इसके अलावा सभी देवी - और देवताओ का भी बा होता
है। इसीलिए इसे पूजन करने से धन की कव कमी नहीं होती हलाकि की पूजन करने की विधि भी होती है जो हम आगे बात करेंगे।
आयुर्वेद के अनुसार पीपल के पेड़ का हर हिस्सा पत्ता ,क्षाल , फल औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है
पीपल का पेड़ न केवल पौराणिक कथाओं में ही पूज्य माना गया है, बल्कि
स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी इसके कई फायदे हैं। वैसे तो हिन्दू धर्म में अनेक अवसरों
पर पीपल के पेड़ की पूजा होती है, लेकिन आदिकाल से ही पीपल के पत्ते ,छाल और फल आदि
कई बीमारियों को दूर करने में इस्तेमाल किए जाते हैं।
यह एक ऐसा पेड़ है, जो हमें चौबीस घंटे ऑक्सीजन देता है।
विष का प्रभाव :- किसी जहरीले जीव-जंतु द्वारा काट लेने पर अगर समय
पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं हो, जब पीपल के पत्ते का रस थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाने
पर विष का असर कम होने लगता है।
गैस या कब्ज :- पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज या गैस की समस्या
में दवा के तौर पर किया जाता है। इसे पित्त नाशक भी माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं
में इसका प्रयोग लाभप्रद होता है। इसके ताजे पत्तों के रस निकालकर सुबह शाम एक चम्मच
पीने से पित्त के साथ ही समस्याएं भी समाप्त होती हैं।
त्वचा रोग :- त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद, खाज, खुजली
में पीपल के कोमल पत्तों को खाने या इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा
फोड़े-फुंसी जैसी समस्या होने पर पीपल की छाल का घिसकर लगाने से फायदा होता है।
घाव भरने में सहायक :-
रक्त को शुद्ध करने में :-
रक्त शुद्धीकरण करने के लिए पीपल के लाभ आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद
में पीपल की पत्तियों को रक्त की अशुद्धता को दूर करके, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए
लिए इस्तेमाल किया जाता है। पीपल की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण
पाए जाते हैं।
पीपल के पत्ते को निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है -
पीपल के पत्ते का जूस बनाकर पीने में उपयोग किया जा सकता है।
पीपल के पत्ते को पीसकर दांतों के लिए पेस्ट के रूप में इस्तेमाल
किया जा सकता है।
त्वचा पर पीपल के पत्तों का पेस्ट बनाकर रखा जा सकता है।
पीपल की पत्तियों को नीम की पत्तियों की तरह कच्चा भी चबाया जा सकता
है।
इस्तेमाल कब करें-पीपल की पत्तियों को ज्यादातर सुबह इस्तेमाल में
लिया जा सकता है। कितना करें इस्तेमाल- कच्चा चबाने के लिए पीपल की केवल 1-2 पत्तियां
ही लें और जूस के रूप में इसे केवल एक छोटे गिलास की मात्रा में ही पिएं।
एक हफ्ते में 1 बार ही कीजिए
इसके सेवन को दोहराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
पीपल के पत्ते के नुकसान :-
पीपल के पत्ते के नुकसान निम्न प्रकार से हो सकते हैं।
पीपल पत्ते के अधिक सेवन करने से इसका कड़वा स्वाद आपको उल्टी करवा
सकता है।
पीपल के पत्ते में कैल्शियम होता है। इसका अधिक सेवन करने से प्रोस्टेट
कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।
पीपल की पत्ती में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और अनिश्चिचित मात्रा
में किया गया उपयोग पेट में गैस, दर्द और मरोड़ की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
इसके सेवन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर
लें।
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