नीम के फायदे


नीम के फायदे और नुकसान मुक्त  में  लो  अब
नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है।

                      नीम के पेड़ की जानकारी
नीम के पेड़ के बारे में तो सुना ही होगा। इस आर्टिकल में हम आपको नीम की पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे ।
नीम एक औषधि  पेड़ है  यह भारतीय आयुर्वेदिक में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पेड़ है। 
स्‍वाद में कड़वा नीम अपने औषधीय गुणों के कारण बहुत ही मीठा माना जाता है। नीम हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है।दोस्तों क्या आपको पता है की नीम केवल मेडिसिन बनाने में ही उपयोग नहीं नहीं होता, इसकी कई सारे और भी फायदे हैं आप अपने घर में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसका वृक्ष सारे भारत में बहुतायत में मिलता है। नीम तीन प्रकार का होता है। पहला सर्वत्र पाया जाने वाला, दूसरा महानीम (बकायन), जिसमें फल गुच्छों के रूप में और पत्तियां कुछ बड़े आकार की होती हैं, तीसरा मीठा नीम  जिसकी पत्तियां कढ़ी में डाली जाती हैं।
फल अंडाकार, गोल, कच्चे, हरे और पकने पर पीले रंग के लगते हैं, जिन्हें आम भाषा में निम्बोली के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक निम्बोली से एक बीज निकलता है, जिससे तेल प्राप्त होता है। वृक्ष के सारे अंग स्वाद में कड़वे होते हैं। वसंत ऋतु में तांबे के समान नए पते आते हैं, जबकि ग्रीष्म ऋतु में पत्तियां झड़ जाती हैं। वृक्ष के तने से गोंद भी प्राप्त होता है, जो पानी में घुल जाता है। औषधि के रूप में नीम के सारे अंग काम में आते हैं।
नीम के फायदे -
नीम सदियों से गुणों की खान माना जाता हैनीम के पेड़ के विभिन्‍न हिस्‍से जैसे पत्ते, छाल, फल, तेल आदि हमारे जीवन को रोगमुक्‍त बनाने में सहायक होते हैं। नीम में इतने गुण है कि यह कई तरह के रोगों के इलाज में काम आता है। नीम में डायबिटिज, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। नीम के तने, जड़, छाल और कच्चे फलों में शक्ति-वर्धक और रोगों से लड़ने का गुण भी पाये जाते हैं। इसकी छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी होती है। इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में मदद करते हैं।


नीम के पेड़ को जीवनदायिनी माना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि नीम का पेड़ हवा को शुद्ध करने के साथ अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन पैदा करता है। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में यह नीम के पौधे का सबसे अहम योगदान होता है।

नीम के तेल का प्रयोग

नीम का तेल निबौंरी से निकाला जाता है। नीम का तेल डैंड्रफ, एक्जिमा, दाद, दोमुंहे बालों को सीधा करने, मुंहासे, फंगल इंफेक्शन, झुर्रियों को दूर करने में सहायक होता है।

किटाणुनाशक नीम

नीम की पत्तियों में किटाणुनाशक गुण भी होते हैं जिन्हें घर के दरवाजे पर लगाने से मच्छर या किटाणु घर से दूर रहते हैं। अगर घर के आसपास मच्छर अधिक हों तो नीम की पत्तियों को जलाने से लाभ भी होता है।

नीम की छाल

नीम की छाल में ऐंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जिस कारण से चर्म रोग या घाव आदि होने पर इसका लेप लगाने से काफी फायदा होता है। इसकी छाल से बेहतरीन किस्म की खाद भी बनती है। नीम की छाल का प्रयोग आयुर्वेद में मलेरिया की दवा के लिए किया जाता है।

नीम की पत्तियां

पेट के कीड़ों और मधुमेह के रोगी इसे धोकर चबा सकते हैं। त्वचा संबंधी रोगों में इसे पानी में उबालकर नहाने से लाभ होता है। घाव या किसी जहरीले कीड़े के काटने पर इसे पीसकर प्रभावित स्थान पर लगान फायदेमंद होता है।
नीम हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
जले हुए स्थान पर नीम का तेल या पत्तों को पीस कर लगाने से आराम मिलता है। नीम की पत्तियों और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं इसलिए कटे हुए स्थान पर नीम का तेल लगाने से टिटनेस का भय नहीं रहता।कान में नीम का तेल डालने से कान दर्द या बहने की समस्या ठीक हो जाती है
पीलिया में नीम का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। पित्ताशय से आंत में पहुंचने वाले पित्त में रुकावट आने से पीलिया होता है। ऐसे में रोगी को नीम के पत्तों के रस में सोंठ का चूर्ण मिलाकर देना चाहिए या फिर सिर्फ दो भाग नीम की पत्तियों का रस या छाल का क्वाथ और एक भाग शहद मिला कर पीने से पीलिया रोग में काफी फायदा होता है।इसके अलावा यदि आप फोड़े और फुंसियों की समस्या से बचना चाहते है तो नीम के पत्तेछाल और फलों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लेंअब इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं इससे फोड़ेफुसियां तथा घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए नीम के पत्तों के रस में शहद और काली मिर्च मिलाकर सेवन करें। नीम के फूलों को मसलकर गर्म पानी में डालकर छानकर पी लें इससे कब्ज दूर होती है। नीम की पत्तियों को सुखाकर शक्कर मिलाकर खाने से दस्त में आराम मिलता है।

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